हिन्दी की विभिन्न बोलियों का साहित्य

by Alok Verma

हिन्दी की विभिन्न बोलियों का साहित्य

भाषा के विकास-क्रम में अपभ्रंश से हिन्दी की ओर आते हुए भारत के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग भाषा-शैलियां जन्मीं। हिन्दी इनमें से सबसे अधिक विकसित थी, अतः उसको भाषा की मान्यता मिली। अन्य भाषा शैलियां बोलियां कहलाईं। इनमें से कुछ में हिंदी के महान कवियों ने रचना की जैसे तुलसीदास ने रामचरित मानस को अवधी में लिखा और सूरदास ने अपनी रचनाओं के लिए बृज भाषा को चुना, विद्यापति ने मैथिली में और मीराबाई ने राजस्थानी को अपनाया।

हिंदी की विभिन्न बोलियों का साहित्य आज भी लोकप्रिय है और आज भी अनेक कवि और लेखक अपना लेखन अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में करते हैं।


हिन्दी के प्रमुख ग्रन्थ

इतिहास ग्रन्थ

1.गार्सा-द-तासी

इस्त्वार द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी


2.मौलवी करीमुद्दीन

तबका तश्शुअहा में तजकिरान्ई जुअहा- ई हिंदी


3.शिवसिंह सेंगर

शिवसिंह सरोज


4.सरजाँर्ज ग्रियर्सन

द माडर्न वर्नेक्यूलर लिटरेचर आँफ हिन्दुस्तान


5.मिश्रबन्धु

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