मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा

by ALOK VERMA

मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Psychology )

मनोविज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा(Meaning and Definition of Psychology )by ALOK VERMA

मनोवैज्ञानिक को एक विषय के रूप में समझने के लिए १६ वीं शताब्दी से २० वीं शताब्दी तक के विभिन्न मनोवैज्ञानिक द्वारा किये गए प्रयोग और उनके द्वारा परिभाषित की गयी परिभाषा का अध्ययन करेगें |


मनोविज्ञान को अंग्रेजी भाषा में (Psychology) कहते है | इस शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के साइकी (Psyche) तथा लोगस (Logas) शब्दों से हुई है | Psyche का अर्थ है आत्मा (Soul) और (Logas) का अर्थ है अध्ययन या विचार -विमर्श | इस प्रकार १६ वीं शताब्दी में ग्रीस (Greece) नामक देश में दार्शिकों ने इसके शाब्दिक अर्थ के अनुसार इसे 'आत्मा का अध्ययन करने वाला विज्ञान माना गया है' 

इसी शाब्दिक अर्थ के कारण मनोविज्ञान को 'आत्मा का ज्ञान' माना गता है ईसा के पांच सौ वर्ष पूर्व से १६ वीं शताब्दी तक मनोविज्ञान के अर्थ के सम्बन्ध में यही धारणा प्रचलित रही |इन यूनानी दार्शिनिको में प्लेटो (Plato) ,अरस्तु (Aristotle) तथा डैकार्टे (Descartes) उल्लेखनीय और प्रमुख है|प्रमुख वैज्ञानिकों / मनोवैज्ञानिक / दार्शिनिक / शिक्षाविद् द्वारा दी गयी परिभाषाएँ निम्न लिखित है

जे. एस. रौस के अनुसार -

" पहले मनोविज्ञान का अर्थ आत्मा से लगाया जाता था परन्तु यह परिभाषा अस्पष्ट है क्यों कि हम इस प्रश्न का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकते कि 'आत्मा' क्या है ? अतः १६ वीं शताब्दी में मनोविज्ञान का अर्थ अस्वीकार कर दिया गया |""Psychology literally means the science of the soul, but this definition suffers from extreme vagueness as we cannot give any satisfactory answer to the question what is soul." -

J.S.ROSSविलियम जेम्स 

ने सन १८९२ ई. मनोविज्ञान की परिभाषा इस प्रकार दी है -"मनोविज्ञान की सर्वोतम परिभाषा यह हो सकती है की यह चेतना की विभिन्न अवस्थाओं का वर्णन और व्याख्या करता है"The definition of psychology may be best given ........as, the description and explanation of states of consciousness as such" -William James

मनोविज्ञान चेतना का विज्ञानं है (science of consciousness) 

 १९वीं शताब्दी में विद्वानों ने मनोविज्ञान को चेतना का विज्ञान कहा | इसमें विलियम जेम्स (William James) वुंट (Wundt) तथा जेम्स सली (James sully ) आदि |जे. बी. वाटसन ने कहा था कि, "एक ऐसा मनोविज्ञान लिखना संभव है ,जिसकी 'व्यवहार के विज्ञान' के रूप में परिभाषित की जा सके |" It is possible to write a psychology which can define it as the science of behavior WATSON J .B.

पिल्सबरी के अनुसार , 

"सबसे अधिक संतोषजनक रूप में मनोविज्ञान की परिभाषा मानव व्यवहर के विज्ञान रूप में की जा सकती है"

"Psychology may be most satisfactorily defined as the science of human behavior."
-PILLSBURY

वुडवर्थ के अनुसार , 

"मनोविज्ञान वातावरण से सम्बंधित व्यकित की क्रियाओं का विज्ञानं है |""psychology is the science of the activities of the individual in relation to environment ." -WOODWORTHमैक्डूगल के अनुसार , "मनोविज्ञान व्यवहर अथवा आचरण का विधायक विज्ञानं है |""psychology is a positive science of the conduct or behavior ."

-W. McDOUGALएन. एल. मन के अनुसार 

, "मनोविज्ञान मनुष्य के अनुभव के आधार पर व्याख्या किये गए आन्तरिक अनुभव तथा वाह्य व्यवहर का विधायक विज्ञान है |" "Psychology is a positive science of experience and behavior interpreted in terms of experience" N.L.MUNN

आर. एच. थाउलैस के अनुसार 

, "मनोविज्ञान मानव अनुभव एवं व्यवहर का यथार्थ विज्ञान है |""Psychology is the positive science of human experience and behavior." R.H.THOULASS

गार्डनर मर्फी के अनुसार , 

"मनोविज्ञान वह विज्ञान है जिसमे जीवित प्राणियों की उन क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनको हम वातावरण के प्रति तैयार करते है |""Psychology is the science that studies the response which the living individual makes to their environment."
-GARDNER MURPHY

वारेन के अनुसार 

, "मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो एक प्राणी और परिवेश में परस्पर अंतर्संबंध से सरोकार रखता है |"Psychology is the science which deals with the mutual interrelation between an organism and environment. -Warren

मैक्डूगल के अनुसार , 

"चेतना सम्पूर्ण रूप से बुरा शब्द है यह मनोविज्ञान के लिये दुर्भाग्यपूर्ण रहा है कि यह शब्द साधारण प्रयोग में आ गया है |'

'एडविन जी बोरिंग ,

 " ने मनोविज्ञान को मानव प्रकृति के अध्ययन के रूप में स्पष्ट करने का प्रयास किया है | मानव एक जीवित प्राणी है तथा वह निरंतर परिवर्तनशील बाह्य जगत के सम्पर्क में रहकर अपनी प्रतिक्रियाएँ करता रहता है | यदि हमें मानव की प्रकृति का ज्ञान हो जाये तो ,

बोरिग के अनुसार 

,उसके वाह्य व्यवहारों को भी सहज ही समझा जा सकता है |आज के आधुनिक समय में मनोविज्ञान एक विज्ञान के रूप में स्थापित हो चूका है | किसी भी विज्ञान को परिभाषित करने के लिए यह आवश्यक है कि दी गई परिभाषा उस विज्ञान को व्यापक रूप में परिभाषित करे उपरोक्त दी गई परिभाषाओं का अध्ययन करने पर हम यह पाते है कि विभिन्न विद्वानों ने भिन्न -भिन्न समय में मनोविज्ञान विषय की भिन्न -भिन्न परिभाषाएँ दी है |आज के समय में हम मनोविज्ञान के जिस स्वरूप का अध्ययन करते है वह लगभग पिछले २५०० वर्षो के विकास के दौरान स्थापित हो पाया हैप्रारंभिक वर्षों में मनोविज्ञान (psychology) को दर्शनशास्त्र (philosophy) का ही अंग माना जाता था | ३०० ईसापूर्व में प्रमुख दार्शनिक शिक्षा विद प्लेटो और अरस्तु मने जाते है | प्लेटो और अरस्तु ने दर्शन शास्त्र में महत्वपुर्ण योगदान दिया है |

 प्लेटो और अरस्तु को दर्शन शास्त्र का जनक भी माना जाता है | प्लेटो और अरस्तु के काल में मनोविज्ञान दर्शन शास्त्र का ही एक अंग था इस लिए मनोविज्ञान को परिभाषित करने की क्रिया में सर्वप्रथम नाम प्लेटो और अरस्तु का ही नाम आता है

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